We have read many stories about mother's love but about father's love much is not be read..Here I am... We have read many stories about mother's love but about father's love much is no...
महिला - दिवस...। महिला - दिवस...।
कहते हैं कि लालच बुरी बला है ! कैसे ? जानने के लिए पढ़िए यह लघुकथा...। कहते हैं कि लालच बुरी बला है ! कैसे ? जानने के लिए पढ़िए यह लघुकथा...।
क्या किसी ने सोचा भी होगा कि कोई अपनी ही बहू का कन्यादान भी कर सकता हैं, ‘’एक अनोखा कन्यादान’’ ! क्या किसी ने सोचा भी होगा कि कोई अपनी ही बहू का कन्यादान भी कर सकता हैं, ‘’एक ...
उन्हीं ख्यालों और स्मृतियों के मिले-जुले रंगों को शायद थोड़ा और समझती हुई। उन्हीं ख्यालों और स्मृतियों के मिले-जुले रंगों को शायद थोड़ा और समझती हुई।
सुनकर सूरज चुपचाप मायूसी और मासूमियत से बाहर से ही परेड और तिरंगे को फहराते और लहराते हुए एकटक देखता... सुनकर सूरज चुपचाप मायूसी और मासूमियत से बाहर से ही परेड और तिरंगे को फहराते और ल...